स्पेसएक्स की स्टारशिप का सपना… फिर से बिखरा आसमान में

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

स्पेसएक्स की अत्याधुनिक अंतरिक्ष यान स्टारशिप की 9वीं परीक्षण उड़ान फिर से असफल रही है। यह रॉकेट न केवल अब तक का सबसे बड़ा था, बल्कि इसे मंगल पर बस्ती बसाने के मिशन का अगुआ भी माना जा रहा था। टेक्सस से लॉन्च के बाद स्टारशिप कुछ देर तक सफलतापूर्वक उड़ान में रही, लेकिन पृथ्वी की कक्षा में पहुंचने से पहले ही वह अनियंत्रित होकर बिखर गई और हिंद महासागर में क्रैश हो गई।

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पुनः प्रवेश के दौरान हुई टूट-फूट

स्पेसएक्स ने बयान जारी कर बताया कि रॉकेट वायुमंडल में पुनः प्रवेश के समय विखंडित हो गया। हालांकि यह मानव रहित मिशन था, लेकिन इसकी असफलता ने फिर से मस्क की अंतरिक्ष यात्रा की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कंपनी ने यह जरूर कहा कि इस टेस्ट से डिज़ाइन और सिस्टम की कमजोरियों की पहचान हुई है, जिससे भविष्य में सुधार संभव होगा।

क्यों ज़रूरी है स्टारशिप?

स्टारशिप को एलन मस्क की महत्वाकांक्षी योजना का केंद्रबिंदु माना जाता है। इसका उपयोग केवल सैटेलाइट लॉन्च या अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए नहीं, बल्कि मंगल पर मानव जीवन बसाने के लिए भी होना है। पूरी तरह से री-यूज़ेबल होने के कारण, यह स्पेस ट्रैवल की लागत को भी क्रांतिकारी रूप से घटा सकता है।

अब तक की उड़ानों का ट्रैक रिकॉर्ड

यह स्टारशिप की 9वीं परीक्षण उड़ान थी। इससे पहले की कई उड़ानें या तो प्रक्षेपण से पहले विफल हो गई थीं या लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। हालांकि, हर उड़ान ने टेस्ट डेटा और टेक्नोलॉजिकल इनसाइट जरूर दिए हैं, जिन्हें स्पेसएक्स लगातार इस्तेमाल कर रहा है।

‘फेल फास्ट, लर्न फास्टर’

एलन मस्क की सोच साफ है: “गलतियों से सीखो, लेकिन तेजी से।” हर टेस्ट उड़ान स्पेसएक्स को अपने सिस्टम में सुधार करने का एक अवसर देती है। यही कारण है कि असफलता के बावजूद, कंपनी जल्द ही अगली उड़ान की तैयारी में जुट गई है। कहा जा रहा है कि इस बार थर्मल शील्ड और कंट्रोल सिस्टम को लेकर बड़े बदलाव किए जाएंगे।

क्या मंगल का सपना दूर हो गया है?

इस असफलता से एलन मस्क का सपना धीमा ज़रूर हुआ है, लेकिन खत्म नहीं। विशेषज्ञ मानते हैं कि जितनी बार स्टारशिप गिरेगी, उतनी ही बार उसे बेहतर बनाया जाएगा। अंतरिक्ष की यह दौड़ लंबी है, लेकिन मस्क के इरादे भी उतने ही मजबूत हैं।

हार नहीं, सीख है ये उड़ान

स्टारशिप की यह असफल उड़ान तकनीकी सुधार और योजना संशोधन का एक और अध्याय बन गई है। मस्क और स्पेसएक्स को अभी लंबा सफर तय करना है, लेकिन हर नाकाम कोशिश उन्हें लक्ष्य के और करीब ले जाती है।

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